बुधवार 26 फ़रवरी 2025 - 05:42
मनुष्य का सबसे बड़ा दोष

हौज़ा / पैगम्बर मुहम्मद (स) ने एक रिवायत में मनुष्य की सबसे बड़ी खामी की ओर इशारा किया है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "आमाली शेख मुफ़ीद" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:

قال رسول اللہ صلی اللہ علیه وآله:

كَفىٰ بِالْمَرءِ عَيْـبا اَنْ يَنْظُرَ مِنَ النّاسِ اِلى ما يَعْمى عَنْهُ مِنْ نَفْسِهِ، اَوْ يُعَيِّرَ النّاسَ بِـما لا يَسْتَطيعُ تَرْكَهُ.

पैग़म्बर (स) ने फ़रमाया:

किसी व्यक्ति के लिए दूसरों में ऐसी गलतियाँ ढूंढना ही काफी है जिन्हें वह स्वयं नहीं देख पाता, या किसी ऐसे काम के लिए दूसरों की आलोचना करना जिसे वह स्वयं नहीं छोड़ सकता।

आमाली मुफीद, पेज 67

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